पालक की यह खास किस्मे किसानो की चमका देंगी किस्मत, कम समय में बना देंगी धनवान, देखे पूरी जानकारी इन दिनों हमारे देश में परम्परागत खेती के साथ साथ उन्नत खेती का दायरा भी बढ़ रहा है ऐसे में किसान भाई लाभदायक खेती पर अधिक जोर दे रहे है आज हम आपको पालक की खेती के लिए कुछ उन्नत किस्मो की जानकारी देंगे जो 35 से 40 दिन में फसल तैयार हो जाती है. आपको बता दें कि भारत में रबी, खरीफ और जैद तीनों फसल चक्रों में पालक की खेती की जाती है, इसलिए आज हम आपको इसकी खेती से जुड़ी कुछ बातें बताएंगे।
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पालक की कुछ टॉप उन्नत किस्मे
जोबनेर ग्रीन पालक किस्म
इस किस्म की सभी पत्तियां समान रूप से हरी, नरम, बड़ी और मोटी होती हैं। पकने के बाद ये पत्तियां आसानी से सड़ जाती हैं। इसे क्षारीय मिट्टी में भी उगाया जा सकता है। यह किस्म बुवाई के लगभग 40 दिनों में तैयार हो जाती है। इस किस्म से प्रति एकड़ लगभग 10-12 टन उपज प्राप्त होती है।
पूसा ज्योति पालक किस्म
जानकारी के लिए बतादे पालक की पूसा ज्योति किस्म एक महत्वपूर्ण और सबसे प्रचलित किस्म है। पत्तियाँ बहुत छोटी और झाड़ीदार होती हैं। इस किस्म को आप जब चाहें जल्दी और देर से उगा सकते हैं। बुवाई के 45 दिनों के बाद फसल तैयार हो जाती है। साथ ही, इसे लगभग 7 से 10 बार काटा जा सकता है। इस उच्च उपज देने वाली किस्म से प्रति एकड़ लगभग 18 से 20 टन उपज प्राप्त होती है।
ऑल ग्रीन पालक किस्म
पालक की ऑल ग्रीन किस्म एक अधिक उपज देने वाली किस्म है. इसकी खेती ज्यादातर सर्दियों के मौसम में की जाती है। इस किस्म के पौधे समान रूप से हरे, आकार में चौड़े और नरम होते हैं। बुवाई के लगभग 35 से 40 दिनों में फसल तैयार हो जाती है। इसके बाद इसके पत्ते लगभग 20 से 30 दिनों के अंतराल पर कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। इस किस्म को आसानी से 6 से 7 बार काटा जा सकता है।
पूसा हरित पालक किस्म
इस किस्म को देश के मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्रों में भी साल भर उगाया जा सकता है। पत्तियाँ बड़ी और गहरे हरे रंग की होती हैं।इसमें बीज बनाने वाले डंठल देर से निकलते हैं। इसलिए, इस किस्म को बुवाई के बाद कई बार काटा जा सकता है। उसी समय, इसे तैयार करने में 35 से 40 दिन लगते हैं।
पालक की खेती करने का आसान तरीका
आपको बतादे यदि आप भी पालक की खेती करना चाहते हैं, तो आपकी जानकारी के लिए हमें बताएं कि इसकी खेती कतार और छिड़काव विधि द्वारा की जाती है। एक पंक्ति से दूसरी पंक्ति में 25-30 सेमी और एक पौधे से दूसरे पौधे में 7-10 सेमी की दूरी बनाए रखें। पालक की खेती के लिए, आप जलवायु और मिट्टी के अनुसार उच्च उपज देने वाली किस्मों का चयन कर सकते हैं। इसकी खेती के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज खरपतवारों की निराई और समय पर सिंचाई है।
पालक की खेती से होगी तगड़ी कमाई
आपकी जानकारी के लिए बतादे पालक की खेती से होने वाली आय की बात करें तो पालक की खेती से 150 से 250 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन किया जा सकता है, जो बाजार में 10 से 20 रुपये प्रति गुड्डी के हिसाब से बिकता है।साथ ही, आप एक हेक्टेयर खेत से उपज प्राप्त करके 2 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।