उस लड़की का सपना जज बनने का था, लेकिन मां की मौत के बाद जॉब करनी पड़ी। जब भाई का मर्डर हुआ, तो स्थिति ऐसी बनी कि लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने लगी। पहली नजर में आपको ये परोपकार जैसी बातें लग रही होंगी, लेकिन जब उस 30 साल की लड़की से मैं मिला, तो लगा कि असली खुद्दारी तो यही है। कैसे, आगे पढ़िए…
दिल्ली का सराय काले खां इलाका। यहां के श्मशान घाट पर मैं मौजूद हूं। मेरी नजरों के सामने चार शव उजले रंग के पॉलीथिन से लिपटे हुए हैं। बगल में 30 साल की पूजा शर्मा शव के पास कुछ कर रही हैं।