सीवान। आखिरकार सीवान लोकसभा से राजद का टिकट पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को दे दिया गया है. पार्टी लालू प्रसाद के पुराने विश्वासी दिवंगत पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब को अभी छोड़ना नहीं चाह रही, जबकि अरसे से इस परिवार से राजद का नाता टूटा हुआ है. मो. शहाबुद्दीन के इंतकाल के बाद से यह परिवार कई बार मुश्किलों में घिरा. जब महागठबंधन की सरकार थी, तब भी मो. शहाबुद्दीन के बेटे को कई बार मुसीबतों में घिरा देख मां हिना शहाब को लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और राजद से बहुत सारी उम्मीदें थीं. वह उम्मीदें पूरी होती नहीं दिखीं और पार्टी के कार्यक्रमों में तवज्जो नहीं मिली तो हिना शहाब ने अलग रास्ता अख्तियार कर लिया.
कथित तौर पर साल 2009, 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के बाद हिना शहाब चाहती थीं कि उनको राज्यसभा भेजा जाए लेकिन लालू परिवार ने उनको इग्नोर किया. 17 महीने जब नीतीश कुमार के साथ आरजेडी सरकार में थी, तब भी उनके लिए या उनके करीबी विधायकों को सरकार में जगह नहीं मिली. जिस वजह से लगातार दूरियां बढ़ती गईं.
लालू परिवार को हेना शहाब की लोकप्रियता और इलाके में गहरी पैठ का एहसास है, इसलिए पिछले कुछ समय से उनको मनाने की कोशिश की जा रही थी. यही वजह है कि अवध बिहारी चौधरी के टिकट को होल्ड पर रखा गया था, ताकि हेना शहाब मान जाएं लेकिन वह निर्दलीय चुनाव लड़ने पर अड़ी हैं. आखिरकार अवध बिहारी को लालू यादव ने टिकट सौंप दिया है. माना जा रहा है कि हेना शहाब के साथ सहानुभूति नहीं रखने पर राजद के MY समीकरण पर चोट पहुंच सकती है, इसलिए 23वां टिकट घोषित नहीं किया गया.
अवध बिहारी चौधरी सीवान से विधायक हैं. राजद ने उन्हें बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बनाया था. आखिरकार रविवार रात पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और इलाके के कद्दावर नेता अवध बिहारी चौधरी को ‘लालटेन’ का सिंबल थमा दिया गया.टिकट मिलने के बाद अवध बिहारी चौधरी ने पार्टी नेतृत्व का आभार जताया. साथ ही कहा कि राष्ट्रीय जनता दल ने जिस विश्वास और उम्मीद के साथ मुझे सिवान लोकसभा क्षेत्र की जनता की सेवा करने के लिए मैदान में उतारा है, मैं विश्वास दिलाता हूं कि राष्ट्रीय जनता दल की उम्मीदों पर पूर्ण रूप से खड़ा उतरूंगा. उन्होंने कहा कि मुझे अपने लोगों पर पूर्ण विश्वास है. वो लोग अपने सेवक को लोकसभा भेजकर सिवान के विकास की रुकी हुई गाड़ी को रफ्तार में लाएंगे.