नई दिल्ली मोदीकाल के ये दस साल देश के लिए अफरा तफरी ,मानसिक उत्पीडन ,आर्थिक विधव्न्श्ता महंगाई , बेरोजगारी , मोब लिंचिंग , दंगे ,जातिय उत्पीडन , महिला सुरक्षा के नाम पर धब्बा रहे है तो देश ने असल में इन दस सालो में क्या खोया क्या पाया ?
आज भारत में 2024 के लोकसभा चुनाव शुरू हो गए है और इस वक्त देश भाजपा की दस साल की बेडियो में बंधा रहा जो आज टूटने के लिए बेकाबू है , यानी इस बार मोदी काल की विदाई होगी और देश में एक नई सरकार बनेगी
ये बात अलग है कि भाजपा और मोदी इस बार चार सौ पार का नारा देकर सभी विपक्षी दलों में मनोवैज्ञानिक डर बनाने की कोशिश में लगे है लेकिन विपक्ष इतना मजबूती से खड़ा है और जैसे पुरे देश में मोदी के खिलाफ आक्रोशित है उससे लगता है चार जून को देश में नई सरकार बनेगी
लेकिन पिछले दस सालो में मोदी सरकार ने क्या किया क्या मोदी के कामो से देश में विकास हुआ या लोगो को फायदा हुआ ? या देश विकास की जगह पतन के गर्त में जा रहा है ?
तो आइये पहले इन वादों और कामो का विश्लेष्ण कर लेते है
नोट्बंदी मोदी का सनकी फैसला
नोट्बंदी मोदी सरकार ने आते के साथ ही एक बहुत ही घातक कदम उठाया जिसको अधिकतर लोग एक सिरफिरा फैंसला कहते है जो किसी भी बैठक ,मंत्रालय , में ऑफिस में नहीं लिया गया बल्कि ये प्रधानमंत्री मोदी का सनकी फैसला था इस फैंसले के बाद मोदी ने रो रो कर जनता से पचास दिन मांगे और कहा उसकी जूते से पिटाई करे लेकिन मोदी जी जूते खाने के लिए जनता के सामने नहीं आये यानी फैसला गलत साबित हुआ
नोट बंदी के फायदे जो गिनाये गए जिसमे हर व्यक्ति के अकाउंट में पन्द्रह लाख आने का वादा किया गया जिसको खुद अमित शाह ने बाद में चुनावी जुमला बताया
कैशलेस इकॉनमी
चाइना की कम्पनी अलीबाबा से मिलकर पेटम बनाया गया और इसके बाद ऐसे ही कुछ और प्लेटफोर्म बनाये लेकिन इन पेमेंट गेटवे में लाखो लोगो के पैसे फंसे हुए है क्योकि ये लोग गैरकानूनी तरीके से काम अकरने लग गए थे इसलिए रिजर्व बैंक ने भी पेटम पर रोक लगा दी थी कैश लेस इकॉनमी के बारे में कहा गया कि
भष्टाचार पर लगाम लगेगी ,कैशलेस इकोनॉमी ,नकली करेंसी पर लगाम, रियल स्टेट पारदर्शी बनेगा , समान्तर इकॉनमी बंद होगी , कर्ज सस्ता होगा , सेविंग बढ़ेगी , बैंको की कमाई भी बढ़ेगी , , आतंकवाद की कमर टूटेगी आदि आदि लेकिन हुआ बल्कि इसके विपरीत
जी एस टी देश को बर्बाद करने का एक और घातक कदम
ये बात बहुत ही अजीब है कि मोदी जी सत्ता में आने से पहले जी एस टी और आधार कार्ड के प्रचंड विरोधी थे लेकिन सत्ता में आते ही बिना सोचे समझे विचार करे देश में जी एस टी को लागू कर दिया जिसकी वजह से नोट बंदी की मार से जूझ रहे छोटे मंझोले कारोबारिओ पर और बोझ आ गया और देश की ये अर्थ्वाव्य्स्था एकदम चरमराने लगी देश में खुद मोदी जी एक भाषण में कहते है कि मोदी जी ने तीन लाख कम्पनियो को ताले लगवा दिए अगर एक कम्पनी में औसतन पांच व्यक्ति काम करते है तो तो पन्द्रह लाख लोगो को बेरोजगार किया और इन कम्पनियो के माध्यम से हजारो करोड़ की लेन देन की अर्थ्वाव्य्स्था भी डूबी
GST के नुकसान
सबसे पहले देश में छोटे मंझोले जो काम काज करने वाले थे उनको सरकार ने जीना मुश्किल कर दिया काम काज का जी एस टी रजिस्ट्रेशन होने की वजह से लाखो कर्रोबारियो का धंधा चौपट हो गया इसके बाद जी एस प्रणाली और उसके स्लेब ने आजतक देश को परेशान करके रखा है ऐसा लगता है देश बर्बाद करने के मोदी ने ठान रखा है इसकी वजह से कारोबारी जो काम कर भी रहे है वो भी आज भी परेशानिओं का सामना कर रहे है इससे इनके खर्च बढे है
- एसएमई पर उच्च टैक्स देयता