कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘एम वर्ड’ से बहुत प्यार है, इसलिए वो लगातार मुस्लिम, मटन और मंगलसूत्र पर बातें करते रहते हैं.
बीबीसी के साथ ख़ास बातचीत में उन्होंने कहा कि जनता मोदी सरकार के ख़िलाफ़ लड़ाई लड़ रही है और इस वजह से इंडिया गठबंधन निश्चित तौर पर सरकार बनाएगा.
‘जनता ख़ुद चुनाव लड़ रही है’
लोकसभा के लिए चार चरणों का मतदान अब हो चुका है. हालांकि उनसे यह बातचीत चौथे चरण के मतदान से एक दिन पहले रविवार को हुई थी.
मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि अब तक के चुनावी माहौल को देखते हुए उन्हें लगता है कि मोदी सरकार के ख़िलाफ़ ख़ुद जनता चुनाव लड़ रही है और इस बार इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी.
खड़गे ने कहा, ”जनता ख़ुद यह चुनाव मोदी के ख़िलाफ़ लड़ रही है और हम जनता का साथ दे रहे हैं. हमारे गठबंधन को ज़्यादा से ज़्यादा सीट मिल रही है, इससे हम मोदी सरकार को रोक पाएँगे.”
दूसरी ओर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की तरफ़ से भी जीत के दावे किए जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत बीजेपी के कई बड़े नाते क़रीब-क़रीब हर चुनावी सभा में 400 सीट जीतने का दावा करते रहे हैं.
बीजेपी के इस दावे पर तंज़ कसते हुए उन्होंने कहा, ”400 सीट पार करने का नारा वो पहले से दे रहे हैं, ये हमारी ख़ुशक़िस्मती है कि उन्होंने 600 पार नहीं बोला. क्योंकि भारतीय संसद की संख्या 543 है.”
बीजेपी के दावों को ख़ारिज करना एक बात है लेकिन आख़िर उन्हें इंडिया गठबंधन की जीत पर इतना विश्वास क्यों है, इसके जवाब में उनका कहना था, “बेरोज़गारी, महंगाई, किसानों के मुद्दे और ग़रीबों की आय घटने की वजह से लोगों में जो नाराज़गी है, वो बीजेपी के हार का कारण बनेगी.”
उनके अनुसार इन चारों वजहों से अब तक हुए चुनाव में जनता ने बीजेपी को नकार दिया है और जनता उनके गठबंधन को समर्थन दे रही है, इसलिए वो लोग जीत रहे हैं.
चुनाव आयोग पर क्या बोले खड़गे?
हाल ही में चुनाव आयोग की ओर से दो चरणों के मतदान के आँकड़े जारी करने में देरी का मामला सुर्ख़ियों में था. कांग्रेस ने इस देरी को ‘अस्वीकार्य’ कहा था.
खड़गे ने इस मुद्दे पर इंडिया गठबंधन के नेताओं को एक चिट्ठी लिखी थी. चुनाव आयोग ने खड़गे के इस पत्र को “चुनाव संचालन की एक महत्वपूर्ण कड़ी पर हमला” क़रार दिया था.
खड़गे ने इस पर अपनी हैरानी जताते हुए कहा था कि चुनाव आयोग ने इंडिया गठबंधन के साथियों को लिखे उनके पत्र का तो जवाब दिया, लेकिन जब उन्होंने चुनाव आयोग को संबोधित करते हुए कई शिकायतें की तो आयोग ने उनका जवाब देना ज़रूरी नहीं समझा.
बीबीसी से बातचीत में खड़गे पूछते हैं कि जिस दिन चुनाव होते हैं, उसी दिन आँकड़ा जारी करने में आख़िर क्या दिक़्क़त है.
उन्होंने कहा, ”हम सीईसी के साथ हैं, लेकिन जहाँ ग़लतियाँ होती हैं, अगर हमारे नोटिस में आया तो हमारा फ़र्ज़ बनता है कि लोकतंत्र को ठीक रास्ते पर लाने के लिए सलाह दी जाए, लेकिन ये हम पर ही आरोप लगाते हैं. ये अगर आँकड़ा जल्द सार्वजनिक करें, तो लोगों को सही बात का पता चलता है.”
‘मोदी अपने काम पर वोट नहीं मांगते’
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क्या प्रधानमंत्री मोदी इस चुनाव को राहुल गांधी बनाम नरेंद्र मोदी बना रहे हैं?
इस सवाल के जवाब में खड़गे कहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी, विकास पर या अपने काम पर वोट नहीं मांगते, वो सिर्फ़ लोगों पर व्यक्तिगत टिप्पणी करते नज़र आते हैं.
खड़गे के मुताबिक़, कांग्रेस जहाँ एक तरफ़ अपने काम गिनाकर वोट मांग रही है, वहीं बीजेपी ने अपने वादे पूरे नहीं किए.
वो कहते हैं, ”जो चीज़ हमारे पास बोलने के लिए है, वो हम बोल रहे हैं और उस पर वोट मांग रहे हैं. इन्होंने जो कुछ कहा था सब खोखला हो गया, जैसे, मैं 15 लाख बाहर से लाकर दूँगा, हर साल दो करोड़ नौकरी दूँगा, किसानों की आमदनी दोगुनी करूँगा, मैं अहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन लाऊँगा, कहाँ है ये सब?”
कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मोदी बनाम राहुल करने से बीजेपी को चुनावी लाभ होगा क्योंकि ज़मीन पर मोदी के मुक़ाबले राहुल कहीं नहीं टिकते हैं.
राजनीतिक समीक्षकों के अलावा ख़ुद कांग्रेस छोड़कर जाने वाले कई नेता हमेशा यह आरोप लगाते हैं कि राहुल गांधी राजनीति को लेकर गंभीर नहीं हैं और कांग्रेसी नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए उनतक पहुंचना बहुत मुश्किल है.
मोदी बनाम राहुल पर खड़गे राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहते हैं, ”ऐसा बोलने वाले लोग मीडिया में हैं और बाहर भी हैं. जो हमारा नेता कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल चलता है, लाखों-करोड़ों लोगों से मिलता है. क्या उनको ग्राउंड रियालिटी मालूम नहीं है? मणिपुर से लेकर मुंबई तक आते हैं और हर वर्ग के लोगों से मिले. इतना करने के बावजूद भी राहुल बनाम मोदी का हाइप बनाया जाता है.”
इसकी तुलना हिटलर के समय में किए जाने वाले प्रचार से करते हुए खड़गे कहते हैं, ”हिटलर के ज़माने में प्रचार मंत्री गोएबल्स जो था, वो भी ऐसा ही करता था. काम कम बातें ज़्यादा, लोगों में जोश भरने के लिए झूठे वायदे, आप अपने काम पर वोट माँगिए.”