पश्चिम बंगाल में चौथे चरण में, 13 मई को जिन आठ सीटों पर मतदान होना है उनमें से नदिया ज़िले की कृष्णनगर सीट काफ़ी अहम है.
यहां से तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा मैदान में हैं. वो तृणमूल कांग्रेस की तेज़ तर्रार नेताओं में से एक हैं.
महुआ संसद में अपनी बात रखने और सत्ता पक्ष से सवाल पूछने के लिए अक्सर सुर्ख़ियों में रहती हैं. उन्हें बीते साल के आख़िर में नक़दी के बदले सवाल पूछने के आरोप में संसद की सदस्यता गंवानी पड़ी थी. ये मामला अब भी अदालत में है.
अब कृष्णनगर से महुआ चुनाव लड़ रही हैं, जहां असली लड़ाई तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा और बीजेपी उम्मीदवार अमृता राय के बीच है. अमृता राय, 16वीं शताब्दी के राजा कृष्णदेव राय के ख़ानदान से हैं.
हालांकि, सीपीएम का दावा है कि लोग इन दोनों राजनीतिक दलों की असलियत समझ गए हैं. इसलिए इस बार विकल्प के तौर पर वाम-कांग्रेस के साझा उम्मीदवार को ही चुनेंगे.
तृणमूल कांग्रेस उम्मीदवार महुआ मोइत्रा सांसद के तौर पर अपने कामकाज और ममता बनर्जी सरकार की कल्याण योजनाओं के सहारे जीत की उम्मीद कर रही हैं. लेकिन बीजेपी का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद के पास गिनाने लायक कोई काम ही नहीं है. इसी वजह से वह पलासी जैसे तीन सौ साल पुराने मुद्दे को उखाड़ रही है.
पार्टी इस बार 25 साल पुराने इतिहास को दोहराने का दावा कर रही है. साल 1999 में बीजेपी के सत्यब्रत मुखर्जी यहां से चुनाव जीत चुके हैं.
लेकिन साल 2009 से यहां तृणमूल कांग्रेस ही जीतती रही है.