दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शुक्रवार 10 मई को जेल से बाहर आ गए.
सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने उन्हें 1 जून तक अंतरिम ज़मानत दी है, साथ ही उन्हें चुनाव प्रचार करने की भी इजाज़त है. केजरीवाल को 2 जून को दोबारा सरेंडर करना होगा.
मतलब ये है कि लोकसभा चुनाव के आख़िरी चरण की वोटिंग तक केजरीवाल जेल से बाहर रहेंगे.
विपक्ष ने केजरीवाल की गिरफ़्तारी को चुनाव के दौरान समान अवसर पर हमला बताया था. हालांकि, कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस गिरफ़्तारी से विपक्ष के पक्ष में लोगों की सहानुभूति बढ़ी है.
अब कई राजनीतिक जानकारों का मानना है कि केजरीवाल की रिहाई से विपक्ष को फ़ायदा मिलेगा.
ख़ासकर, दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों में जहां आम आदमी पार्टी का मज़बूत आधार है. इससे इंडिया गठबंधन भी मज़बूत होगा.