जौनपुर लोकसभा का चुनाव छठे चरण में 25 मई को होना है. लेकिन इस क्षेत्र की चर्चा लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही हो रही है.
इस चर्चा को नामांकन के अंतिम दिन यानी छह मई को बीएसपी ने अपना उम्मीदवार बदलकर और तेज़ कर दिया है.
बीएसपी ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी और वर्तमान में जौनपुर की ज़िला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला रेड्डी को 16 अप्रैल को अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन टिकट बदलते हुए नामांकन के अंतिम दिन अपने वर्तमान सांसद श्याम सिंह यादव को टिकट दे दिया.
अब जौनपुर लोकसभा में बीजेपी से कृपाशंकर सिंह, बीएसपी से श्याम सिंह यादव और एसपी के टिकट पर बाबू सिंह कुशवाहा मैदान में हैं.लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह बन गया है कि क्या धनंजय सिंह की पत्नी का टिकट बदले जाने से बीजेपी को फ़ायदा होगा और हो रहा है तो कितना हो रहा है?
जौनपुर के शाहगंज विधानसभा के सुरिस गांव के निवासी अशोक सिंह कहते हैं, “धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी का बसपा से टिकट कटने से भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह को सीधे तौर पर फ़ायदा मिलेगा.”
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“श्रीकला रेड्डी के चुनाव लड़ने की दशा में क़रीब 50 प्रतिशत ठाकुर उनको वोट करता, अब जब वह चुनावी मैदान में नहीं है तो ठाकुर वर्ग का सारा वोट भाजपा प्रत्याशी को जाएगा. धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला रेड्डी चाहे जिस पार्टी से या निर्दलीय ही चुनाव लड़तीं, अच्छा वोट पातीं.”
अशोक सिंह ख़ुद ठाकुर हैं. वे ठाकुरों के रुझान के बारे में दावा करते हैं, “जौनपुर में ठाकुर वर्ग की पहली पसंद धनंजय सिंह ही हैं लेकिन अब वह चुनाव में नहीं हैं तो कृपाशंकर सिंह को वोट करेंगे. बसपा प्रत्याशी श्याम सिंह यादव सपा को ही नुक़सान पहुंचाएंगे, पहले जब श्रीकला उम्मीदवार थीं तो बीजेपी को नुक़सान हो रहा था, अब मामला पलट गया है.”
वहीं जौनपुर सदर विधानसभा के चौकिया गुरैनी निवासी मोहम्मद अज़ीज़ बीएसपी के इस फ़ैसले को पार्टी का अंदरूनी मामला बताते हैं, “श्रीकला रेड्डी के चुनावी मैदान में होने से ठाकुर और कुछ मुस्लिम वर्ग को वोट उनको जाता लेकिन अब ठाकुर वोट भाजपा की तरफ़ जा रहा है. मुसलमान जो धनंजय सिंह को पसंद करता है वह अब सपा को वोट करेगा, श्रीकला के चुनाव न लड़ने से फ़ायदा दोनों पार्टियों को मिल रहा है. हां ज़रूर श्याम सिंह यादव के बसपा से प्रत्याशी होने के बाद कुछ यादव भी श्याम सिंह यादव को वोट करेंगे, इसलिए सपा को थोड़ा नुक़सान तो हो रहा है