बिहार में लोकसभा के तीसरे चरण में झंझारपुर लोकसभा सीट पर चुनाव होना है. इस सीट पर एनडीए गठबंधन ने अपने निवर्तमान सांसद रामप्रीत मंडल पर फिर से दांव लगाया है तो इंडिया गठबंधन ने इस सीट से वीआईपी के सुमन कुमार महासेठ को मैदान में उतारा है.
झंझारपुर की इस लड़ाई को त्रिकोणीय बना रहे हैं गुलाब यादव. जो हाथी (बीएसपी) पर सवार होकर इस लोकसभा सीट पर फतह की ख्वाहिश रखते हैं.
झंझारपुर सीट की इस त्रिकोणीय लड़ाई के तीनों किरदार बहुत दिलचस्प हैं.
पहले किरदार हैं.. निवर्तमान सांसद रामप्रीत मंडल जो खुद स्वीकार कर रहे है कि उन्होंने क्षेत्र में काम नहीं किया हैं.
दूसरी तरफ़ हैं.. इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार सुमन कुमार महासेठ.. जिनका रिश्ता बीजेपी और आरएसएस से रहा है.
वहीं तीसरे ओर बीसपी के गुलाब यादव हैं.. जो इस इलाके में आरजेडी के नेता रहे हैं.
‘गुलाब जी हैं इंडिया गठबंधन के असली उम्मीदवार’
सुबह के सात बजे हैं और झंझारपुर के गंगापुर गांव में गुलाब यादव के पैतृक घर पर गहमा-गहमी है. घर के अहाते में कम से कम 5 एसयूवी और बाहर पतली गली में दर्जनों मोटरसाइकिलें खड़ी हैं.
टी शर्ट और ट्राउज़र में गुलाब यादव अपने समर्थकों से लगातार क्षेत्र का हाल जान रहे हैं.
उनकी ज़ुबान पर पंचायत दर पंचायत नाम रटे हुए हैं. घर के हॉल के बाहर जमा मर्दाना चप्पलें राजनीति में पुरुषों के वर्चस्व की कहानी कह रही हैं.
हालांकि, हॉल के अंदर बाबा साहेब आंबेडकर के अलावा दो महिलाओं का छोटा पोस्टर चिपका हुआ है. जिसमें अंबिका गुलाब यादव (पत्नी) और बिंदु गुलाब यादव (बेटी) की तस्वीर है.
अंबिका गुलाब यादव वर्तमान में विधान पार्षद हैं और बिंदु गुलाब यादव ज़िलाध्यक्ष हैं. दिलचस्प है कि साल 2022 में अंबिका गुलाब यादव ने विधान पार्षद चुनाव में सुमन कुमार महासेठ (फ़िलहाल वीआईपी उम्मीदवार) को ही हराया था.
अपने पिता के कैंपेन के लिए निकल रहीं बिंदु गुलाब यादव बीबीसी से कहती हैं, “पिछले चुनाव में जो जीते, उन्होंने लोगों की कोई उम्मीद पूरी नहीं की. इस बार सबका साथ गुलाब जी के साथ है. 51 प्रतिशत हाथी छाप मत पड़ेगा, बाक़ी 49 प्रतिशत दूसरे सब सिमटे हुए हैं.असली महागठबंधन के उम्मीदवार गुलाब जी ही हैं.”