गुजरात में सूरत सीट पर नामांकन ख़ारिज होने के बाद अयोग्य क़रार दिए गए कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी ने कहा है उन्होंने नहीं बल्कि पहले पार्टी ने उन्हें धोखा दिया था.
कुंभानी ने कहा कि वो बीजेपी में शामिल नहीं होंगे और अपना सोशल वर्क जारी रखेंगे.
कुंभानी का नामांकन ख़ारिज होने के बाद यहां से बीजेपी के उम्मीदवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया था.
इसके बाद कुंभानी का कोई पता नहीं चल रहा था. मीडिया ख़बरों में ये कहा जा रहा था कि वो बीजेपी से मिल गए हैं. लेकिन उन्होंने कहा कि वो बीजेपी में शामिल नहीं होने जा रहे हैं.
कांग्रेस ने न सिर्फ़ इस सीट पर चुनाव प्रक्रिया रद्द करने की मांग की थी बल्कि नीलेश को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया था.
क़रीब 20 दिनों के बाद सामने आए नीलेश कुंभानी ने कहा कि वह कहीं नहीं गए थे बल्कि अपने घर पर थे लेकिन अफ़वाह ये फैलाई गई कि वो भाग गए हैं.
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ ने कुंभानी के सार्वजनिक रूप से सामने आने और फिर उनके दावों पर विस्तृत रिपोर्ट छापी है.
अख़बार के मुताबिक़, कुंभानी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस को धोखा नहीं दिया बल्कि पार्टी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें धोखा दिया. उस समय आख़िरी वक़्त में कांग्रेस ने सूरत की कामरेज विधानसभा सीट से उनका टिकट काट दिया था.
कुंभानी ने इसके लिए राज्य के कांग्रेस प्रमुख शक्ति सिंह गोहिल, परेश धनानी, आम आदमी पार्टी को ज़िम्मेदार ठहराया. कुंभानी का पर्चा रद्द होने और दूसरे उम्मीदवारों के नाम वापस लेने की वजह से बीजेपी के मुकेश दलाल को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया था.
अख़बार के मुताबिक़ कुंभानी ने कहा, “चुनाव में पार्टी के नेता निष्क्रिय थे और मेरे समर्थकों को प्रचार करने से रोका जा रहा था. इसलिए मेरे समर्थक 2017 में पार्टी की ओर से मेरे साथ किए बर्ताव का बदला लेना चाहते थे. मुझे उनके प्लान के बारे में पता नहीं था.’’
कुंभानी ने कहा, “मैं क़ानूनी कार्रवाई के लिए कांग्रेस के सीनियर नेताओं से मिलने जा रहा था उसी दौरान पार्टी कार्यकर्ता मेरे घर पर प्रदर्शन करने लगे. इसके बाद मैंने अपना फ़ैसला बदल दिया.’’
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि अपना पर्चा ख़ारिज कराने के लिए उन्होंने पैसे लिए थे.
इस बीच, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कुंभानी का पता बताने वालों के लिए सोशल मीडिया पर इनाम का एलान कर दिया था.
यूथ कांग्रेस के सचिव प्रदीप सिंधव ने उनका पता बताने वालों को 5000 रुपये इनाम देने का ऐलान किया था.