Uttarakhand Forests: Uttarakhand Wildfire: Uttarakhand Forest Fire Cases After Rainfall:
जंगलों में लगी आग पिछले कुछ हफ्तों से सभी के लिए चिंता का कारण बनी हुई थी। एक दम से पूरे उत्तराखण्ड में फैली आग की चपेट में कई घर, खेत, जानवर और लोग भी आए। प्रशासन की सभी कोशिशों के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका था। पूरे उत्तराखण्ड में 930 जंगलों में आग की घटना सामने आई। इसमें 491 जंगल कुमाऊँ के तो 365 जंगल गढ़वाल के शामिल थे। इस पूरी घटना में 1,196 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई।
बारिश से मिली राहत
बीते दिनों उत्तराखण्ड के बागेश्वर, चमोली, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में हुई जोरदार बारिश के बाद आग से राहत मिली। बीते 5 दिनों में उत्तराखण्ड के कुमाऊँ मंडल के एक भी जंगल में आग की कोई घटना सामने नहीं आई। गढ़वाल में सोमवार को एक घटना उत्पन्न हुई थी, जिसपर वनकर्मियों ने काबू पा लिया था। भूमि संरक्षण डिवीजन कालसी में आधा हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आया था। आग पर नियंत्रण पाने के लिए राज्य सरकार ने भी कई टीमों का गठन किया था। लेकिन भीषण आग पर काबू पाना संभव ना हो सका। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने जंगलों से पिरुल हटाने के लिए पिरुल खरीद के दाम बढ़ाकर स्थानीय लोगों को प्रोत्साहित भी किया था।
करना पड़ा था मुश्किलों का सामना
वनाग्नि के कारण चारधाम के लिए हेली सेवा भी कई दिनों तक ठप रही थी। जंगलों में लगी आग की घटनाओं के समाप्त होने से चारधाम यात्रियों को चिंता और घबराहट से राहत मिली है। साथ ही आग के कारण शहरों और गांवों की तरफ आने वाले जानवरों की घटनाओं में भी कमी देखने को मिलेगी। पिछले कुछ दिनों से जंगलों में आग ना लगने से जंगलों के आस-पास रहने वाले सभी लोगों में आग की दहशत कम हुई है