लगातार प्रदूषित हो रही हवा दिन में तीन से चार सिगरेट के बराबर फेफड़ों को नुकसान पहुंचा रही है। राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) के चिकित्सकों का कुछ ऐसा ही कहना है। जहरीली हवा के कारण सांस संबंधी समस्या से ग्रस्त मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। चिकित्सकों की सलाह है कि लोग जो खराब हवा के प्रति बेहद संवेदनशील हैं, वह मास्क का प्रयोग करें नहीं तो यह फेफड़ों को बहुत नुकसान हो सकता है।
ग्रेनो में वायु गुणवत्ता सूचकांक की स्थिति पर नजर डाली जाए तो शुक्रवार को नॉलेज पार्क-5 में एक्यूआई -314 था। यह बेहद खराब स्थिति थी। हवा की खराब गुणवत्ता के कारण लोगों को स्वास्थ्य समस्याएं सामने आने लगी हैं।
जिम्स के मेडिसिन विभाग के डॉ. दीपक कुमार कहते हैं कि लगातार खराब हो रही हवा की गुणवत्ता का सीधा असर फेफड़ों पर पड़ता है। इस समय जो हवा की स्थिति है उसे इस तरह समझें कि कोई व्यक्ति यदि धूम्रपान नहीं भी कर रहा है तो भी वह दिन में तीन से चार सिगरेट के बराबर फेफड़ों को प्रभावित कर रहा है। बच्चों और वृद्धों के साथ स्थिति और भी जटिल हो जाती है। जिम्स की ओपीडी में 15 फीसदी तक ऐसे मरीज बढ़े हैं। जिनको खराब हवा के चलते गले और श्वांस संबंधी समस्या उभर कर आई है।
चिकित्सक की सलाह
– सुबह अगर स्मॉग है तो सैर से बचें
– गुनगुने पानी का सेवन करें
– धूल भरी जगह जाने से बचें
– समस्या है तो घर में किसी प्रकार का निर्माण, मरम्मत से बचें
– घर के आसपास अगर धूल का माहौल है तो पानी छिड़कें