भारत और पाकिस्तान समेत दुनियाभर में मंगलवार से अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता संगठन ‘ऑर्गनाइज़्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट’ की ओर से ‘दुबई अनलॉक्ड’ शीर्षक से की गई पड़ताल की चर्चा हो रही है.
इस रिपोर्ट से पता चलता है कि दुबई की पैंतीस हज़ार प्रॉपर्टीज़ के मालिक 29 हज़ार 700 भारतीय नागरिक हैं.
हालांकि यह पड़ताल ऐसा बिल्कुल नहीं कहती कि दुबई में ख़रीदी गई प्रॉपर्टी ग़ैर-क़ानूनी ढंग से ख़रीदी गई है.
दुनिया की 70 से अधिक पत्रकारिता संस्थाओं और पत्रकारों ने मिलकर ‘ नाम से एक खोजी रिपोर्ट की है.
इस पड़ताल में संयुक्त अरब अमीरात के शहर दुबई की प्रॉपर्टी मार्केट में पूंजी निवेश करने वाले कई नाम और उनसे जुड़ी बातें सामने आई हैं.
रिपोर्ट में विभिन्न देशों से संबंध रखने वाले “ऐसे लोगों के नाम सामने लाए गए हैं, जो दुबई में हज़ारों की संख्या में प्रॉपर्टी और रियल एस्टेट के मालिक हैं. इनमें कथित तौर पर अपराधी और नेता भी शामिल हैं.”
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वरिष्ठ राजनेता और सैन्य अधिकारियों के नाम जनहित में जारी किए गए हैं.
इस रिपोर्ट में जहां कई नाम सार्वजनिक किए गए हैं वहीं इससे कई सवालों ने भी जन्म लिया है. इनमें से एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि दुबई कैसे भारतीयों और पाकिस्तानियों समेत विदेशी लोगों के लिए प्रॉपर्टी में पूंजी निवेश की जन्नत बना?
इसी के साथ एक और महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि दुबई जैसे देश में प्रॉपर्टी ख़रीदना कितना आसान है और इसके लिए नियम-क़ानून क्या हैं.
इन सवालों के जवाब जानने से पहले यह देखते हैं कि ‘दुबई अनलॉक्ड’ है क्या?
‘दुबई अनलॉक्ड’ पड़ताल क्या है?
दुबई अनलॉक्ड’ नाम की अंतरराष्ट्रीय पड़ताल में संयुक्त अरब अमीरात के शहर दुबई में रियल एस्टेट क्षेत्र के विदेशी मालिकों के बारे में जानने की कोशिश की गई है.
छह माह तक जारी रही इस पड़ताल का नेतृत्व ’ (ओसीसीआरपी) ने किया जिसमें दुनियाभर से मीडिया की 70 से अधिक संस्थाओं के पत्रकारों ने भाग लिया.
‘ओसीसीआरपी’ के अनुसार इस पड़ताल में पता चला कि मध्य पूर्व के आर्थिक केंद्र में कौन किस प्रॉपर्टी का असल मालिक है और कैसे इस शहर ने दुनियाभर के उन लोगों के लिए भी अपने दरवाज़े खोले जिन पर कई आरोप लगाए जाते रहे हैं.
ओसीसीआरपी की वेबसाइट पर जारी सूचना के अनुसार, “यह जानकारी उस लीक होने वाले डेटा की मदद से तैयार की गई है जो दुबई लैंड डिपार्टमेंट और कई दूसरी सरकारी कंपनियों से मिला और यह सन 2020 से सन 2022 के बीच का रिकॉर्ड है.”
यह भी बताया गया है कि यह डेटा सबसे पहले वॉशिंगटन डीसी स्थित सेंटर फ़ॉर एडवांस्ड डिफ़ेंस स्टडीज़ नाम के ग़ैर सरकारी संगठन ने हासिल किया जो बाद में ओसीसीआरपी को दिया गया.
ओसीसीआरपी के अनुसार- दुबई की हाउसिंग मार्केट में विदेशी लोग कुल मिलाकर 160 अरब डॉलर मूल्य की प्रॉपर्टी रखते हैं.