मालदीव के विदेश मंत्री भारत आए, क्या ये रिश्तों को सुधारने की कोशिश है?

भारत से तनावपूर्ण रिश्तों के बीच मालदीव के विदेश मंत्री आज यानी 9 मई को नई दिल्ली में रहेंगे.

मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी की डेडलाइन से एक दिन पहले विदेश मंत्री मूसा ज़मीर के भारत आने को दोनों देशों के मौजूदा रिश्तों में एक नए मोड़ की तरह देखा जा रहा है.

मूसा ज़मीर की भारत यात्रा से पहले मालदीव के पर्यटन मंत्री इब्राहिम फै़सल भारतीय पर्यटकों से मालदीव आने की अपील कर चुके हैं.

उन्होंने कहा है कि भारत और मालदीव के रिश्तों का इतिहास रहा है. भारत ने पहले भी उनके देश की मदद की है और एक बार फिर दोनों देश मिल कर काम करना चाहते हैं.

दरअसल इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव के कुछ अधिकारियों की आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भारतीय पर्यटकों के बीच ‘मालदीव बायकॉट’ का अभियान चला था. इसके बाद वहां जाने वाले भारतीयों की संख्या काफी घट गई है.

जनवरी 2023 में मालदीव पहुंचने वाले पर्यटकों में भारतीय रूसियों के बाद दूसरे स्थान पर थे. लेकिन विवाद के बाद जनवरी 2024 में भारतीय पर्यटकों की संख्या घट कर पांचवें नंबर पर आ गई.

मालदीव की जीडीपी में पर्यटन की हिस्सेदारी 30 फ़ीसदी है. साथ ही उसकी 60 फ़ीसदी विदेशी मुद्रा पर्यटन उद्योग से ही आती है.

लिहाज़ा भारतीय पर्यटकों को अपने यहां आने की उसकी अपील को उसकी गिरती अर्थव्यवस्था संभालने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.

साथ ही मालदीव के विदेश मंत्री की इस यात्रा को भी भारत से रिश्ते सुधारने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.

क्या ये डैमेज कंंट्रोल की मालदीव की फौरी रणनीति है या फिर भारत से रिश्ते बेहतर करने की उसकी दीर्घकालीन रणनीति का हिस्सा है?

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में चीनी अध्ययन केंद्र के एसोसिएट प्रोफेसर अरविंद येलेरी कहते हैं मालदीव इस समय क्या कर रहा है इसके बजाय पिछले कुछ समय से उसके भारत के प्रति रुख को देखा जाना चाहिए.

वह कहते हैं,”राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्जू़ की पार्टी का रुख भारत विरोधी है. पिछले साल नई सरकार आने के बाद मालदीव ने चीन के साथ अपने रिश्ते और पुख्ता किए हैं और बार-बार यह कहा है कि वो हिंद महासागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की अहम ताकत है.”

येलेरी कहते हैं,”मालदीव खुद को अगर हिंद महासागर या हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अहम खिलाड़ी मानता है तो उसे रणनीतिक परिपक्वता दिखानी चाहिए थी.लेकिन अपने रवैये से उसने भारत के साथ संघर्ष की स्थिति खड़ी कर ली है. ये उसके लिए ठीक नहीं है.”

वो कहते हैं,”अगले एक-दो साल में मालदीव भारत के प्रति नरम रवैया अपनाने वाला नहीं है. उल्टे वो भारत के ख़िलाफ नए-नए पैंतरे अपनाता रहेगा.”

  • Related Posts

    Super senior citizens’ high-interest fixed deposits: SBI vs. PNB vs. Union Bankof India vs. RBL vs. Indian Bank

    Super senior citizens’ high-interest fixed deposits: Compared to ordinary depositors, super senior citizens (those 80 years of age and older) can earn substantially larger returns on their fixed deposits (FDs).…

    Nifty Midcap and Smallcap Stocks Drop 2.5% Amid Earnings Worries

    As investors respond to worries about the low corporate earnings in Q3FY25, mid- and small-cap stocks are seeing significant selling. Significant drops have been observed in the Nifty Midcap 100…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    लड़कियों के दिलो पर राज करेगा Infinix का स्टाइलिश स्मार्टफोन, 108MP कैमरा क्वालिटी और दमदार बैटरी के साथ देखे कीमत

    Super senior citizens’ high-interest fixed deposits: SBI vs. PNB vs. Union Bankof India vs. RBL vs. Indian Bank

    Nifty Midcap and Smallcap Stocks Drop 2.5% Amid Earnings Worries

    Nifty Midcap and Smallcap Stocks Drop 2.5% Amid Earnings Worries

    One of the most expensive disasters in the United States, the Los Angeles wildfire may have caused damage of $57 billion: Report

    Boxing Day Test: Why Australia may see Day 1 as a bad day, while India may see it as a positive one!

    The Boxing Day Test between Australia and India could make or break Team India. This is the reason.

    The Boxing Day Test between Australia and India could make or break Team India. This is the reason.