लोनी नगर पालिका परिषद के ग्राम सदुलाबाद की सरकारी भूमि पर भाजपा के भुमाफिओं का केंद्रीय विधालय के बाद अब आंबेडकर पार्क समेत कई सरकारी जमीनों पर कब्ज़े की खबर अधिकारियों की जांच कमेटी गठित
उत्तर प्रदेश के जिला गाजिआबाद के लोनी तहसील में कथित रूप से भाजपा के नेताओं और उनके द्वारा पोषित भुमाफिओं का बोलबाला है , गुंडागर्दी , और सरकारी जमीनों पर कब्जे के कई मामले प्रकाश में आये है जिनकी शिकायत स्थानीय जागरूक नागरिको ने प्रशासन से कई बार की है लेकिन ये लोग कथित रूप से भाजपा के द्वारा सरंक्षित है इसलिए इनका न तो प्रशासन कुछ कर पाता है और न ही पुलिस बल्कि ऐसा प्रतीत होता है कि ये सब प्रशासन, नेताओं और इन भुमाफिओं की मिली भगत से चल रहा हैये बात हमे ध्यान रखनी चाहिए कि अपने आपको बुलडोजर सरकार कहने वाले योगी जी जिन्होंने आज़म खां की जोहर यूनिवर्सिटी में एक इंच फालतू दीवार के लिए यूनिवर्सिटी के बहुत बड़े भाग को गिरा दिया , दो जन्म तारीख होने पर आज़म खां और उनके बेटे को जेल भेज दिया गया , सैंकड़ो दलित , पिछड़े वर्ग की लड़किओं के बलात्कार हुए कत्ल हुए लेकिन अपराधिओं का कुछ नही हुआ क्योकि अपराधी भाजपा के है
हाल ही में एक और चोंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि लोनी में ही आंबेडकर पार्क जिसका खसरा संख्या .३४६ , और जोहड़ . खसरा संख्या .. और अन्य खसरा संख्या इन पर स्थानीय भुमाफिओं ने कब्जा किया है जिसकी जानकारी और शिकायत स्थानीय नागरिको ने उपजिलाधिकारी , जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को दे दी है ,आम लोगो की शिकायत पर प्रशासन कार्यवाही करना तो दूर इन शिकायतों पर सज्ञान तक नहीं लेता और आँख मूँद लेता है
इससे पहले भी केंद्रीय विद्यालय के लिए आबंटित जमीनों को भी कथित रूप से स्थानीय भाजपा विधायक नन्द किशोर गुर्जर के समर्थित भूमाफियो ने कर लिया जब इसकी शिकायत की गई तो पहले तो प्रशासन ने लोगो को गुमराह किया लेकिन बाद में जनता का दबाव बनने पर उस पर आधी अधूरी जानकारी अंकित किए बोर्ड लगा दिया
लेकिन बहुत देर के बाद जब केंद्रीय विद्यालय की जमीन जिसका खसरा नम्बर 312 है इसकी शिकायत प्रशासन में की जिसकी आई जी आर एस संख्या 12000230172476 शिकायतकर्ता विसल ब्लोअर श्री जीत सिंह ने की लेकिन लोनी नगर पालिका प्रशासन ने इस बात को मानने से बिलकुल इनकार कर दिया कि चार दीवार के भीतर कोई कब्जा नहीं है परंतु पुनःजांच पर कब्जा होने और कब्जा जे सी बी द्वारा गिराने की पुस् की गई थी परंतु आज तक इस हिस्से 312 को अपने कब्जे मे भी नहीं लिया गया है बाकी के कब्जे वाले हिस्से पर ही टी एस एम ( टोटल सर्वे मशीन ) की जांच नहीं करवाना से डी एम व एस डी एम मंशा अधिकारिओ की भूमाफिओ को बचाने को दर्शाती है जो शाफ जाहिर नजर आ रही है खसरा नम्बर 312 पर किसी तरह का कोई कब्जा है जबकि इसके बारे में जीत सिंह ने लिखित पत्र में महोदय उप जिला अधिकारी के खसरा नम्बर 312 के पैमाइश के लिए टी एस एम् टोटल सर्वे मशीन द्वारा भूमि की पैमाइश की मांग की गई थी जिसका उपजिला अधिकारी कार्यालय ने कोई जवाब नहीं दिया है.
जीत सिंह का मानना है कि अगर इस तहसील की सभी सरकारी जमीनों की पैमाइश यानी मेज़रमेंट हो जाए तो अवैध कब्जे के बहुत सारे राज खुलेंगे और उसमे बहुत सारे सरकारी अफसरो के असली चेहरे सामने आयंगे