प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों को इलाज के नाम पर लूटे जाने की कई ख़बरें आपने पहले भी सुनी होंगी। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है, जिसमें कई प्राइवेट अस्पतालों द्वारा सरकार को चूना लगाए जाने का मामला सामने आया है। मरीजों के इलाज के नाम पर धामी सरकार के साथ हो रही इस धोखाधड़ी का खुलासा होने के बाद 10 अस्पतालों को अधिकृत सूची से हटा दिया गया है। इसमें हल्द्वानी के बृजलाल और बालाजी जैसे नामचीन अस्पताल भी शामिल हैं। इन सभी अस्पतालों को अधिकृत सूची से हटाने का आदेश कर्मचारी राज्य बीमा योजना की निदेशक दीप्ति सिंह ने दिया है। अधिकृत सूची से हटाए गए इन सभी अस्पतालों को अपना पक्ष रखने के लिए 1 महीने का समय दिया गया है। हालांकि तब तक इन सभी अस्पतालों में पहले से जिन मरीजों का उपचार चल रहा है वो जारी रहेगा।
ऐसे हुआ खुलासा
निजी अस्पतालों में हो रहा यह फर्जिवाड़ा एक जाँच के बाद पकड़ में आया। दरअसल इन अस्पतालों द्वारा यूटीआई पोर्टल पर नगदरहित इलाज करवा रहे मरीजों की उपलब्ध जानकारी की समीक्षा की गई थी। इस समीक्षा में यह बात सामने निकल कर आई कि नगदरहित इलाज करा रहे मरीजों का व्यय सामान्य से कई गुना अधिक है। इसी तरह पहले भी प्राइवेट स्वास्थ बीमा कार्ड, ईएसआई या आयुष्मान कार्ड सम्बंधित कई घोटाले सामने आए हैं। जब यह अस्पताल सरकार के साथ धोखाधड़ी करने में नहीं हिचकिचा रहे तो आम जनता के साथ होने वाली ठगी का केवल अंदाज़ा ही लगाया जा सकता है।
इन अस्पतालों पर लिया गया एक्शन
अधिकृत सूची से हटाए गए अस्पतालों में बृजलाल अस्पताल एवं रिसर्च सेन्टर हल्द्वानी, नैनीताल, बालाजी अस्पताल, हल्द्वानी, नैनीताल, अनमोल अस्पताल, काशीपुर, उधम सिंह नगर, श्री कृष्णा अस्पताल, काशीपुर, उधमसिंहनगर, के.वी.आर. हास्पिटल, काशीपुर, उधमसिंहनगर, वेलनगिरी हिल्स नर्सिंग होम, हरिद्वार रोड़, रूड़की, हरिद्वार, मैट्रो हॉस्पिटल एवं हार्ट इन्सीटयूट, हरिद्वार, रैंकर्स अस्पताल, सलीमपुर बाईपास रोड़, हरिद्वार, मेडिकेयर अस्पताल, चकराता रोड़, सेलाकुई, देहरादून व कृष्णा मेडिकल सेंटर, 22, इंदर रोड़, डालनवाला, देहरादून का नाम शामिल है।